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Hathras Stampade: श्रद्धालु चरण रज लेने दौड़े...पानी की बौछारें और फिर मची भगदड़ ने ली 116 लोगों की जान, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

Hathras Satsang Tragedy: हाथरस भगदड़ हादसे की जांच के दो कमेटियों का गठन किया गया है। फिलहाल 116 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। वहीं सीएम योगी आज घटनास्थल का दौरा करेंगे। पीएम मोदी ने मृतकों के आश्रितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।  
07:14 AM Jul 03, 2024 IST | Rakesh Choudhary
hathras stampade  श्रद्धालु चरण रज लेने दौड़े   पानी की बौछारें और फिर मची भगदड़ ने ली 116 लोगों की जान  पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
हाथरस सत्संग की 116 मौतों का जिम्मेदार कौन?

Hathras Stampade Latest Update: यूपी के हाथरस जिले में स्थित फुलरई गांव में मंगलवार का दिन बड़ा ही अमंगलकारी रहा। यहां भोले बाबा नामक शख्स के सत्संग में भगदड़ मचने से हुए हादसे में 116 लोगों की मौत हो गई। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई थी। आज सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस में घटनास्थल का दौरा करेंगे। वहीं घटना के बाद भोले बाबा खुद अंडरग्राउंड हो गया है। देर रात पुलिस ने मैनपुरी के राम कुटिर चैरिटेबल ट्रस्ट में एक सर्च ऑपरेशन चलाया था।

हादसे के बाद हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टेंपो में भरकर अलीगढ़ मेडिकल काॅलेज, एटा जिला हाॅस्पिटल भेजा गया। आईजी शलभ माथुर ने कहा कि अब तक 116 लोगों की मौत इस हादसे में हुई है। वहीं मामले में अब तक 22 आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हादसे में हताहत हुए लोगों के आश्रितों के लिए पीएम मोदी ने मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है।

सीएम योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार और कैबिनेट के तीन मंत्री संदीप सिंह, असीम अरुण और चौधरी लक्ष्मीनारायण मौके पर पहुंचे। घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की अगुवाई में दो टीमें बनाई गई है। घटना के बाद डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। वहीं सीएम योगी ने कहा कि हादसे की जांच के लिए टीमें बनाई गई है। यह हादसा है या साजिश इसकी जांच कराई जा रही है।

इलाज के लिए नहीं थे डाॅक्टर

हादसे के बाद हाॅस्पिटल में हालात खराब हो गए। लाशों को ओढ़ाने के चादर तक नहीं थी। लोग अपनों की तलाश में चीख रहे थे। कुछ घायल जमीन पर तड़प रहे थे। इलाज के लिए डाॅक्टर नहीं थे। मृतकों में अधिकतर लोग हाथरस, बदायूं और पश्चिमी यूपी के रहने वाले थे। लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात काॅन्स्टेबल को हार्ट अटैक आ गया।

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भीड़ को संभालने के नहीं था पुलिस बल

हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर प्रशासन के इंतजाम बुरी तरह फेल रहे। हजारों की भीड़ सत्संग स्थल पर मौजूद थी लेकिन प्रशासन की ओर कोई इंतजाम नहीं किया गया था। सत्संग स्थल पर न तो एंबुलेंस थी और न ही पुलिस बल मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। इस दौरान भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। पानी से बचने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे, तभी ये हादसा हो गया।

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