अब रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वाले गरीब बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा, रेलवे ने शुरू की खास पहल
Railway get better education to children: रेल पटरियों के किनारे अक्सर हमें गरीब और असहाय अवस्था में परिवार और उस परिवार के कुछ बच्चे दिखते होंगे, उस वक्त हमारे दिमाग में उनकी शिक्षा व्यवस्था और उनके रहन-सहन को लेकर कई सवाल उठते होंगें। लेकिन अब ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी उत्तर मध्य रेलवे उठाने जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए एक खास तरह का प्लान तैयार किया है, जिसके सहारे रेलवे ट्रैक के किनारे नौनिहालों में शिक्षा की अलख जगाने की तैयारी की जाएगी। इस प्लान के तहत दम तोड़ते बचपन को शिक्षा और अच्छा जीवन देने के लिए उत्तर मध्य रेलवे की ओर से भारत रेल विद्या फेलोशिप के तहत खाका तैयार किया गया है।
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रेलवे ने शुरू की पहल, पहले चरण में पांच शहरों में होगा काम
आपको बताते चलें कि ज्यादातर शहरों में रेलवे की पटरियों के आसपास हजारों की संख्या में लोग घर बनाकर जिंदगी गुजारते हैं, जिसके चलते इन परिवारों में पलने वाले नौनिहाल शिक्षा की राह नहीं पकड़ पाते हैं और उनका पूरा बचपन अंधेरे में बीतता है। इन बच्चों के लिए रेलवे की ओर से एक खास पहल शुरू की गई है। इस पहल के चलते उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल की ओर से पहले चरण में पांच प्रमुख शहरों (प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, कानपुर, टूंडला और अलीगढ़) को चुना गया है। इसके लिए एनसीआर के प्रयागराज मंडल, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स और ड्रीम्स वीवर्स एसोसिएशन की ओर से MOU पर हस्ताक्षर किए हैं।
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सूची तैयार कर बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाएगी टीम
मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज मंडल के रेल कर्मचारियों के नेतृत्व में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स तथा ड्रीम्स वीवर्स एसोसिएशन की ओर तैयार की गईं संयुक्त टीमें पहले रेलवे पटरियों के पास रहने वालों की पूरी सूची तैयार करेंगी। इसके बाद वहां रहने वाले बच्चों की उम्र के हिसाब से आसपास के स्कूलों में दाखिला कराएंगी। इसके साथ ही छोटे बच्चों के लिए उनके घरों के नजदीक ही क्लास लगाई जाएगी। टीम से मिली जानकारी के अनुसार टीम की ओर से परिवार की आय का ब्योरा भी जुटाया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें रोजगार के नए-नए अवसर प्रदान कर उससे जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी। इतना ही नहीं, उन परिवार के बीमार सदस्यों को अस्पताल ले जाकर इलाज भी कराया जाएगा। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स तथा ड्रीम्स वीवर्स एसोसिएशन की ओर तैयार की गईं संयुक्त टीमें उन गरीब परिवारों को साफ-सफाई के लिए प्रेरित कर उन्हें रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं दी जाएंगी।