राज्यसभा चुनाव: सपा की बैठक में क्यों नहीं पहुंचे ये 6 विधायक, जान लें वजह?
Rajya Sabha Election 2024 Samajwadi Party Meeting: राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को होंगे। 15 राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर कमर कसी जा चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अलग ही नजारा सामने आया है। यहां समाजवादी पार्टी के 6 विधायक पार्टी की मीटिंग में नहीं पहुंचे। इससे पार्टी अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए हैं। जानकारी के अनुसार, जिन 6 विधायकों ने पार्टी की मीटिंग से किनारा किया है, उनमें राकेश पांडेय, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल और पल्लवी पटेल का नाम शामिल है।
क्या है वजह?
बताया जा रहा है कि पल्लवी पटेल समेत कई विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वह बैठक में नहीं गईं। पल्लवी पटेल राज्यसभा चुनाव में उतारे गए उम्मीदवारों पर नाराज हैं। उन्होंने सपा उम्मीदवारों को वोट देने से भी इनकार कर दिया था। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी विधान परिषद के चुनावों में पल्लवी पटेल की मां कृष्णा पटेल को मैदान में उतारकर उनकी नाराजगी दूर कर सकती है। पल्लवी पटेल इससे पहले भी विधायकों की ट्रेनिंग में मौजूद नहीं रही थीं।
समाजवादी पार्टी के 3 उम्मीदवार
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटें हैं। जिनके लिए चुनाव होना है। यूपी की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। इसमें समाजवादी पार्टी के 3 और बीजेपी के 8 प्रत्याशी शामिल हैं। राज्यसभा चुनाव के तहत जरूरी आंकड़े के मुताबिक, यूपी में एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी।
एक बार ही वोट डाल सकता है विधायक
सपा के तीन प्रत्याशियों को कुल 111 वोटों की जरूरत है। ऐसे में सपा किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। क्रॉस वोटिंग का भी डर है। बता दें कि सपा के पास विधानसभा में 108 विधायक हैं। दो विधायक जेल में हैं। ऐसे में सपा को कांग्रेस के दो विधायकों के साथ 3 और विधायकों की जरूरत होगी। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में कोई भी विधायक दो बार वोट नहीं डाल सकता। सिर्फ एक ही प्रत्याशी को वोट डालना उलाउ होता है। ऐसे में एक-एक विधायक का वोट कीमती है।
ये तीन उम्मीदवार मैदान में
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए पूर्व सांसद राम जी लाल सुमन, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी आलोक रंजन और जया बच्चन को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवार सामान्य और एक दलित वर्ग से हैं। अपने उम्मीदवारों को लेकर पार्टी को अंदरखाने आलोचना झेलनी पड़ रही है।
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