UP बोर्ड के एग्जाम पेपर्स की सिक्योरिटी EVM जैसी थ्री लेयर, जानें कैसे इस्तेमाल होगी टेक्नोलॉजी?
UP Board Exam Papers Security Arrangements: उत्तर प्रदेश एग्जाम बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू होंगी, लेकिन इससे पहले बड़ी चुनौती एग्जाम पेपर्स की सुरक्षा है। इसके लिए इस बार कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पेपर्स 24 घंटे निगरानी में रहेंगे। इसके लिए एग्जाम पेपर्स को उसी तरह थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखा गया है, जिस तरह वोटिंग से पहले और बाद में EVM मशीनों को रखा जाता है। सरकार ने बोर्ड और पुलिस को पूरी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
स्ट्रॉन्ग रूम, डबल लॉक और कैमरे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बोर्ड एग्जाम पेपर्स स्कूलों में प्राचार्य के दफ्तर के साथ वाले रूम में 2 अलमारियों में रखे गए हैं। यह रूम स्ट्रॉन्ग रूम कहलाएगा, जिसके आसपास किसी को फटकने की अनुमति नहीं है। अलमारियों और स्ट्रॉन्ग रूम के दरवाजे पर डबल लॉक लगा है। नाइट विजन कैमरे इन्स्टॉल किए गए हैं। साथ ही स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है, जो 24 घंटे ड्यूटी देंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान अलग से निगरानी रखेंगे।
अपर मुख्य सचिव के कड़े निर्देश
एग्जाम पेपर्स की सिक्योरिटी और सीक्रेसी बनाए रखने के लिए अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलों के DM, पुलिस कमिश्नर, SSP, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, UP बोर्ड के सचिव और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं। स्ट्रॉन्ग रूम की सिक्योरिटी के लिए जिस तरह के CCTV कैमरे लगाए गए हैं, उनकी DVR में कम से कम 30 दिन रिकॉर्ड रखा जा सकता है। स्ट्रॉन्ग रूम की चाबियां सेंटर पर तैनात किए गए स्टेटिक मजिस्ट्रेट के पास रहेंगी।
55 लाख स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम
बोर्ड के निर्देशानुसार, स्टेटिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही पेपर वाले दिन स्ट्रॉन्ग रूम के ताले खोले जाएंगे। स्ट्रॉन्ग रूम में किसी अधिकारी/कर्मचारी को मोबाइल फोन लेकर जाने की अनुमति नहीं है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के करीब 55 लाख स्टूडेंट्स एग्जाम पेपर्स देंगे। वहीं बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि कैमरों की DVR कम से कम 6 महीने सुरक्षित रखनी होगी, ताकि अगर जरूरत पड़े तो उनका इस्तेमाल किया जा सके।
रीजनल लेवल पर कंट्रोल रूम
मैट्रिक और इंटर की बोर्ड परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए इस बार कॉपियों की नंबरिग करने के निर्देश हैं। सिक्योरिटी कोड जनरेट किया जा जाएगा। बोर्ड ने रीजनल लेवल पर कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किए हैं।