राष्ट्रपति का प्लेन अमेरिका ने क्यों किया सीज? दूसरे देश से उड़ा ले गए फ्लोरिडा, लगाया ये आरोप
World News: अमेरिका ने सोमवार को वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का प्लेन जब्त कर लिया। अमेरिकी अधिकारियों ने डोमिनिकन रिपब्लिक में इस प्लेन को जब्त किया और उसे उड़ा कर फ्लोरिडा ले गए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की गई। अमेरिकी अधिकारी मादुरो द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डसॉल्ट फॉल्कन 900EX प्राइवेट जेट को अपने साथ ले गए। इस प्लेन का इस्तेमाल मादुरो और उनकी सरकार के सदस्य करते थे। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि जेट को अवैध तरीके से खरीदा गया था।
अमेरिकी सरकार के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि 'जस्टिस विभाग ने एक एयरक्राफ्ट को सीज किया है। हमारा आरोप है कि उस विमान को 13 मिलियन डॉलर (1 अरब रुपये से ज्यादा) में एक शेल कंपनी के जरिए अवैध तरीके से खरीदा गया। फिर निकोलस मादुरो और उनके क्रोनी मित्रो द्वारा उसे अमेरिका से बाहर ले जाया गया।' एयरक्राफ्ट ट्रैकिंग साइट फ्लाइट रडार 24 के मुताबिक सोमवार की सुबह जेट ने सांतो डोमिंगो से उड़ान भरी और फोर्ट लाउडरडेल पर उतरा। अमेरिका ने कहा कि 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में मादुरो से जुड़े लोगों ने कैरेबियन स्थित शेल कंपनी का इस्तेमाल विमान खरीदने में किया।
US seizes Nicholas Maduro's plane pic.twitter.com/yDQPSubeij
— Gina (@Gina39913411) September 2, 2024
चुनावी नतीजों के बाद भड़क उठी हिंसा
अप्रैल 2023 में इस विमान को अवैध तरीके से कैरेबियन देशों के जरिए अमेरिका से वेनेजुएला ले जाया गया। वहीं मई 2023 से इस विमान का संचालन खासतौर पर वेनेजुएला स्थित मिलिट्री एयरबेस से हो रहा था। बता दें कि 28 जुलाई 2024 को वेनेजुएला में हुए चुनाव में मादुरो को एक बार फिर से विजेता घोषित किया गया था। हालांकि दक्षिण अमेरिकी देश में मादुरो की जीत के खिलाफ प्रदर्शन भड़क उठा। हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए और 2400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। विपक्ष ने दावा किया उन्हें ऐतिहासिक जीत मिली है और अपने दावे को साबित करने के लिए उनके पास वोटिंग रिकॉर्ड्स हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव को मादुरो ने किया खारिज
मादुरो की वामपंथी सरकार ने तानाशाही के सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपनी जीत का दावा किया। साथ ही चुनाव में पड़े वोटों को सार्वजनिक करने की अंतरराष्ट्रीय मांग को भी खारिज कर दिया। अमेरिकी कांग्रेस के दस्तावेज़ों के अनुसार, वाशिंगटन ने 2005 से वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए हैं। ये प्रतिबंध उन व्यक्तियों और संस्थाओं को टारगेट करते हैं, जो आपराधिक, अलोकतांत्रिक और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
निकोलस मादुरो के 2013 में सत्ता में आने के बाद वेनेजुएला में मानवाधिकार हनन और भ्रष्टाचार के जवाब में, ट्रम्प प्रशासन ने वित्तीय प्रतिबंधों, क्षेत्रीय प्रतिबंधों और मादुरो की सरकार पर प्रतिबंधों को शामिल करने के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों का विस्तार किया था।