CAA: आखिर क्यों पाकिस्तान छोड़ शरणार्थी बनने को मजबूर हो रहे हिंदू?
Hindus in Pakistan: लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया है। सीएए के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिलना आसान हो गया है। सीएए के तहत पड़ोसी देशों से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। ऐसे में सवाल ये कि आखिर हिंदू पाकिस्तान छोड़ने को क्यों मजबूर हो रहे हैं, आखिर पाकिस्तान में ऐसा क्या हो रहा है कि अल्पसंख्यकों का जीना दुश्वार हो चला है? आइए जानते हैं...
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुल्म?
दरअसल, पाकिस्तान में हिंदू समेत अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों पर जुल्म बढ़ते जा रहे हैं। हिंदुओं से हत्या, रेप, जबरन धर्म परिवर्तन और लूटपाट की घटनाएं आम हैं। वहां मंदिरों में तोड़फोड़ की कई खबरें सामने आ चुकी हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जमीन पर अवैध कब्जा करने की भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। कहा जाता है कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार में सरकारी समर्थन भी प्राप्त होता है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक खौफ के साये में जीते हैं। यही वजह है कि वे पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर होते हैं। हालांकि इसके खिलाफ कई बार पाकिस्तान की सड़कों पर प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन सरकार कोई एक्शन नहीं लेती।
पाकिस्तान से आए कितने रिफ्यूजी भारत में हैं?
रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल औसतन 5 हजार हिंदू पाकिस्तान से भारत आते हैं। अनुमान के मुताबिक, 3.5 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी भारत में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल कम से कम 1,000 हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण किया जाता है, उनका धर्म परिवर्तन करवाकर जबरन शादी कराई जाती है। एक शख्स राज भील ने कुछ साल पहले अपना अनुभव बताते हुए कहा था- ''मेरी पिछली पत्नी मजदूरी करने गई थी। वे उसे जबरदस्ती ले गए और मुस्लिम बना दिया। मेरी छह महीने की बेटी को भी वे ले गए। उस पर भी जुल्म किए गए।''
सीएए से कैसे बदलेगी जिंदगी?
केंद्र सरकार की ओर से सीएए लागू होने के बाद अल्पसंख्यकों की जिंदगी बदल जाएगी। उनका पुनर्वास काफी आसान होगा। अल्पसंख्यकों को आने वाली नागरिकता संबंधी बाधाएं और कानूनी अड़चनें दूर हो जाएंगी। शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन मिलने के साथ ही उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान की भी रक्षा होगी। उन्हें भारत में संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार भी मिलेंगे। साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। कुल मिलाकर उन्हें एक तरह से नया जीवन मिलेगा। उन्हें भारत में अपनी 'पहचान' मिलेगी।
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