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बेल्जियम: आंदोलन कर रहे किसानों की पुलिस से भिड़ंत, छिड़की लिक्विड खाद और फेंके अंडे

Farmers Protest Belgium: बेल्जियम में आंदोलन कर रहे किसानों ने अपनी ताकत दिखाने का एक नया रास्ता अपनाया है। उन्हें रोकने की कोशिश में पुलिस ने जब उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया तो किसानों ने उन पर लिक्विड खाद स्प्रे कर दी। उल्लेखनीय है कि कई यूरोपीय देशों में किसान इस समय विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
07:51 AM Feb 27, 2024 IST | Gaurav Pandey
बेल्जियम  आंदोलन कर रहे किसानों की पुलिस से भिड़ंत  छिड़की लिक्विड खाद और फेंके अंडे
पुलिस पर खाद स्प्रे करते किसान

Farmers Protest Belgium : किसानों का आंदोलन इस समय केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में चल रहा है। ऐसा ही एक देश है बेल्जियम जहां के किसान अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को यहां किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। इस दौरान किसानों ने उन पर लिक्विड खाद स्प्रे कर और अंडे फेंक कर विरोध व्यक्त किया। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के कृषि मंत्री किसानों की चिंताओं को संबोधित करने का रास्ता तलाश कर रहे हैं।

बेल्जियम के किसान रेड टेप और उन देशों से होने वाले सस्ते इंपोर्ट को लेकर गुस्सा हैं जहां यूरोपीय यूनियन के उच्च मानक पूरे करने की बाध्यता नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रसेल्स की पुलिस ने बताया कि करीब 900 ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान शहर में पहुंचे थे। ये लोग यूरोपीय यूनियन की उस इमारत के पास पहुंचे जहां मंत्री बैठक कर रहे थे। किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके जवाब में किसानों ने उन पर खाद स्प्रे की।

प्रदर्शनकारियों की पहचान करने का आदेश

किसानों ने अपने ट्रैक्टर शहर के मुख्य मार्गों पर खड़े कर दिए जिसकी वजह से ट्रैफिक बाधित हुआ। कुछ ट्रैक्टर तो उन बैरियर्स को तोड़ते हुए निकल गए जो पुलिस ने उनका रास्ता रोकने के लिए लगाए थे। बेल्जियम में आंतरिक मामलों की मंत्री एलेलीस वर्लिंडेन ने निर्देश दिया है कि ऐसे प्रदर्शनकारियों की पहचान की जाए जिन्होंने जनता को नुकसान पहुंचाया है या फिर अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का इस्तेमाल सम्मान के साथ होना चाहिए।

सख्त नियमों ने बढ़ा दी हैं किसानों की मुश्किलें

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भी किसानों ने एक ऐसा ही प्रदर्शन किया था जिसने हिंसक स्वरूप ले लिया था। तब यूरोपीय यूनियन के नेता एक सम्मेलन में शिरकत कर रहे थे। किसानों ने वहां पहुंच कर पुलिस पर अंडे और पटाखे फेंके थे। किसानों का कहना है कि सरकार हमें नजरअंदाज कर रही है। नियम बनाने वाले नेताओं को एक दिन किसानों के साथ काम करना चाहिए, तब उन्हें पता चलेगा कि यह आसान काम नहीं है। उनके नियमों ने हमारे काम के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

कई यूरोपीय देशों में चल रहा किसान आंदोलन

बेल्जियम के अलावा कई यूरोपीय देशों में किसानों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। इन देशों में जर्मनी, पोलैंड, इटली, फ्रांस ग्रीस और स्पेन जैसे देश शामिल हैं। किसानों का कहना है कि पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर यूरोपीय यूनियन के बहद सख्त नियमों ने उनके लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं। बेल्जियम के किसानों की मांग काम की स्थिति में सुधार करने के साथ सख्त नियमों में राहत दिए जाने की है। फरवरी की शुरुआत में किसानों ने यहां यूरोपीय संसद के सामने आग भी लगाई थी।

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