US इलेक्शन में 'भारतीय' वोटर अहम क्यों? 50 लाख प्रवासी वोटर बनेंगे गेमचेंजर
US Presidential Election 2024: अमेरिकी चुनाव में प्रवासी भारतीय वोटरों पर सबकी नजर है। डेमोक्रेट से लेकर रिपब्लिकन पार्टी तक सबकी कोशिश 50 लाख भारतीय अमेरिकी वोटरों को साधने की है, जो कई राज्यों में गेमचेंजर बन सकते हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अविनाश गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में भारतीयों की संख्या और प्रभाव बढ़ रहा है। हालांकि वोटरों की संख्या कम है, लेकिन टेक्सास, जॉर्जिया और पेंसिलवेनिया में भारतीय वोटर निर्णायक बन सकते हैं।
5 नवंबर 2024 को होने वाले अमेरिकी चुनाव में कड़ी टक्कर वाली सीटों पर भारतीय अमेरिकी लोगों का वोट अहम होगा। उन्होंने कहा कि प्रवासन नीतियों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं, जो सीधे तौर पर भारतीय अमेरिकियों को प्रभावित करते हैं। ग्रीन कॉर्ड और एच1 बी वीजा में सुधार से जुड़े मुद्दे अहम हैं। रिपब्लिकन पार्टी टैक्स कम करने के पक्ष में है, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी अमीरों पर टैक्स लगाने और गरीबों पर खर्च करने के पक्ष में है।
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जंग के चलते बढ़ी महंगाई
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास को सपोर्ट करने वाली नीतियां, छोटे बिजनेस कारोबारियों को मदद करने वाले प्लान को भारतीय अमेरिकी पसंद करते हैं। मिडिल ईस्ट और यूरोप में जंग के चलते महंगाई बढ़ी है। मिडिल क्लास को जीवनयापन में बहुत मुश्किलें आ रही हैं। चाहे बात ग्रॉसरी की हो या गैस की, मेडिकल केयर की तरह हर चीज को जुटाने में परेशानी आ रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकियों का कई मुद्दों पर अलग-अलग रुझान है। नई पीढ़ी ज्यादा लिबरल दिख रही है, वही उम्रदराज लोग ज्यादा कंजर्वेटिव होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नस्लीय मामलों, धार्मिक स्वतंत्रता और LGBTQ के मामले में युवा पीढ़ी ज्यादा उदार है, लेकिन पारिवारिक मूल्यों में यकीन रखने वाले लोग रिपब्लिकन पार्टी को तरजीह देते हैं।
अमेरिका की दो मुख्य पार्टियां, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट भारतीय अमेरिकियों का वोट हासिल करने के लिए हर तरह के दांव पेंच आजमा रहे हैं। फ्लोरिडा, जॉर्जिया, एरिजोना, वर्जिनिया, न्यू जर्सी और पेंसिलवेनिया में भारतीय अमेरिकियों की संख्या बहुत ज्यादा है। यूएस कांग्रेस और राज्यों की सरकार में भारतीयों की बढ़ती संख्या समुदाय की बढ़ती ताकत का प्रतीक है।
हैरिस और ट्रंप के बीच बंटा प्रवासी वोटर
अमेरिका-इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमिटी के प्रेसिडेंट जगदीश सिवहानी ने कहा कि कड़ी टक्कर वाली सीटों पर भारतीय मूल के वोटर अहम भूमिका निभाने वाले हैं। प्रवासी भारतीयों के लिए इमिग्रेशन एक मुद्दा है, और जो पार्टी इमिग्रेशन के पक्ष में है। उसको प्राथमिकता मिल सकती है।
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हैरिस और ट्रंप के मामले में जगदीश ने कहा कि भारतीय समुदाय बंटा हुआ है। एक समय था जब भारतीय वोटर डेमोक्रेट्स को वोट करता था, लेकिन इस बार कहा नहीं जा सकता। ये अमेरिकी इतिहास का सबसे कठिन चुनाव है।
बिहार फाउंडेशन यूएसए के चेयरमैन आलोक कुमार ने कहा कि कमला हैरिस पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच सकती हैं। हर प्रवासी भारतीय उनके साथ एक जुड़ाव महसूस करता है। ट्रंप और मोदी के बीच का रिश्ता भारतीय अमेरिकियों को लुभाता है। 2024 का चुनाव भारतीयों के लिए एक चुनौती है। सांस्कृतिक पहचान, राजनीतिक मूल्य और भविष्य के लिए भारत-अमेरिका के संबंध बहुत महत्वपूर्ण होंगे।