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Israel Iran Clash: क्‍या जंग से लगेगी पेट्रोल की कीमतों में आग? इजरायल का रुख तय करेगा-कहां तक जाएंगी कीमतें?

Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। विशेषज्ञों की ओर से चिंता जाहिर की गई है कि तेल की कीमतों पर लड़ाई का असर हो सकता है। यानी कीमतें बढ़ सकती है। होर्मुज जलडमरूमध्य को तेल के जहाजों का मुख्य रास्ता माना जाता है। लेकिन ईरान ने अब कहा है कि अगर जरूरत पड़ी, तो वह इस रास्ते को बंद कर सकता है। जिससे आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
11:15 AM Apr 15, 2024 IST | News24 हिंदी
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ईरान और इजरायल में तनाव।

Israel Iran Row: इजरायल पर ईरान के हमले के बाद तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। ये आशंका रविवार को विशेषज्ञों की ओर से जताई गई है। ईरान ने इजरायल पर शनिवार देर रात मिसाइलों और ड्रोन से अटैक किया है। तेल की कीमतों में कितना इजाफा होगा, यह सब इजरायल और पश्चिमी देशों की कार्रवाई पर भी निर्भर करता है। ईरान के सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर एक अप्रैल को हमला हुआ था। दश्मिक में इस हमले के लिए ईरान ने इजरायल को दोषी ठहराया था। संघर्ष की आशंकाओं के चलते वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड के दाम शुक्रवार को ही 92.18 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे। जो अक्टूबर के बाद से सबसे ज्यादा हैं।

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हमले के बाद दाम 71 सेंट बढ़कर लगभग 90.45 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे। वहीं, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट सीएलसी 1 क्रूड की बात करें, तो 64 सेंट के इजाफे के बाद यहां दाम 85.66 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किए गए थे। तेल ब्रोकरों की ओर से अभी कहा गया है कि व्यापार दोबारा शुरू होने पर अभी मजबूत कीमतों की उम्मीद नहीं रख सकते हैं। हालांकि अभी उत्पादन पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। अगर लड़ाई के कारण क्षेत्र से आपूर्ति बाधित होती है, तो कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसा कुछ समय के लिए भी हो सकता है।

होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरते हैं तेल के जहाज

अमेरिका के राष्ट्रपति भी इजरायल और ईरान में तनाव के बीच समन्वय बनाने के लिए कमर कस चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बाइडेन 7 प्रमुख देशों के नेताओं की बैठक भी बुला सकते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि इजरायल ईरान पर हमले के बाद कैसी प्रतिक्रिया देता है। यह देखने वाली बात होगी। कीमतों में बढ़ोतरी और उछाल कितने समय तक रहेगी। यह उसी पर निर्भर करता है। जी7 की वर्चुअल बैठक के बाद यह भी तय होगा कि वे ईरान से कच्चा निर्यात करते हैं या नहीं। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि वह ईरान को निर्यात बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता है। वह उसे बैन करता है।

ईरान ने पिछले समय में तेल निर्यात के क्षेत्र में काफी वृद्धि की है। कम ईरानी निर्यात से अमेरिका में तेल और गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। नवंबर में बाइडेन के समक्ष राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप मैदान में होंगे। चुनाव पर भी कीमतों का असर पड़ सकता है। होर्मुज जलडमरूमध्य तेल का मुख्य मार्ग है। यहां से दुनिया की खपत का 5वां हिस्सा प्रतिदिन गुजरता है। ईरान ने कहा है कि वह इस रास्ते को जरूरत पड़ने पर बंद कर सकता है। ऐसा होता है, तो शिपिंग पर असर पड़ना तय है।

भारतीय तेल की कीमतों पर असर कितना

भारत भी तेल का बड़ा आयातक और उपभोक्ता माना जाता है। अभी तक भारत पर ईरान-इजरायल संघर्ष का खास असर नहीं दिखा है। लेकिन संघर्ष तेज होता है, तो निश्चित तौर पर तेल की आपूर्ति प्रभावित होगी। भारत काफी तेल मध्य पूर्व से लेता है। वहीं, रूस यूक्रेन युद्ध के असर को कम करने के लिए ही भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया था। यह 2023 में कच्चे तेल के आयात के मौजूदा वर्ष में 35 प्रतिशत तक अधिक है।

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