जमीन खा गई या आसमां निगल गया! 239 यात्री लेकर प्लेन हुआ लापता, 10 साल की तलाश फिर भी खाली हाथ
Malaysia Airlines Flight 370 Incident Memoir: जमीन खा गई या आसमां निगल गया, कुछ समझ नहीं आया आज तक किसी को। 239 यात्रियों को लेकर सफर पर निकला जहाज न जाने कहां खो गया? आज 10 साल हो गए हादसे को, 10 साल से जहाज की तलाश जारी है, लेकिन आज तक हाथ खाली के खाली हैं।
8 मार्च 2014 को मलेशियाई एयरलाइंस के विमान MH-370 ने मलेशिया के कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। विमान को चीन की राजधानी बीजिंग में लैंड करना था, लेकिन उड़ान भरने के 38 मिनट बाद विमान रडार से गायब हो गया।
227 पैसेंजर्स और 12 क्रू मेंबरों के परिवार उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन 10 साल से उनका कोई सुराग तक नहीं मिला है। न प्लेन क्रैश हुआ, न कोई मलबा मिला, फिर जहाज कहां चला गया?
समुद्र का 1800 किलोमीटर का दायर खंगाल दिया
जहाज रडार से तब गायब हुआ, जब वह दक्षिण चीन सागर के ऊपर था। उत्तर-पश्चिमी प्रायद्वीपीय मलेशिया में पेनांग द्वीप के उत्तर-पश्चिम में 200 समुद्री मील (370 किलोमीटर) दूर जहाज गुम हो गया। 26 देश, 18 शिप, 19 एयरक्राफ्ट और 6 हेलिकॉप्टर जहाज की तलाश में जुटे।
साल 2017 तक जहाज को लगातार तलाश किया गया, लेकिन जब कोई सुराग नहीं लगा तो तलाशी अभियान को ऑफिशियली बंद कर दिया गया। 2019 में अमेरिकी कंपनी ओशन इनफिनिटी ने फिर से जहाज की तलाश शुरू की, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
जहाज में सफर करने वाले पैसेंजर ज्यादातर चीन के थे। अक्टूबर 2014 से जनवरी 2017 तक ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 1800 किमी का दायरा और समुद्र तल की गहराई में सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
38 मिनट बाद ही बंद हो गया था ट्रांसपॉन्डर
विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होंने रेडियो फ्रीक्वेंसी में गड़बड़ी ट्रैक की है। समुद्र के ऊपर से गजरते समय विमान जिस रास्ते पर बढ़ रहा था, उससे वह भटक गया था। ऐसा लगता है मानो पायलट जहारी अहमद शाह ने जहाज का इंजन बंद किया हो या फिर तकनीकी खामी के कारण इंजन बंद हो गया हो।
यह भी हो सकता है कि पायलट ने जहाज को ऑटो-पायलट मोड पर रखा हो, यानी जहाज का कॉन्टैक्ट टूटा नहीं, बल्कि उसे जानबूझकर तोड़ा गया। रात 12 बजकर 41 मिनट पर टेकऑफ करने के 38 मिनट बाद जहाज का ट्रांसपॉन्डर बंद हो गया।
ATC ट्रांसपॉन्डर के जरिए जहाज और उसके रूट को कंट्रोल करती है, लेकिन जहाज का ट्रांसपॉन्डर बंद होते ही वह ATC के रडार से गायब हो गया। अगर मौसम साफ था और टेक्निकल फॉल्ट नहीं था तो यह कैसे हुआ?
हाईजैक हुआ, मलबा नहीं मिलना बड़ा सवाल
जांच कमेटी का कहना है कि जहाज हाईजैक हुआ है और जिसने भी यह किया है, वह एयरो टेक्नोलॉजी से पूरी तरह वाकिफ था। उसने ही ट्रांसपॉन्डर बंद किया, क्योंकि उसे पता था कि ट्रांसपॉन्डर बंद होते ही जहाज रडार से गायब हो जाएगा और दुनिया की कोई ताकत जहाज को तलाश नहीं पाएगी। जहाज वहां लापता हुआ, जहां समुद्री एरिया में नो मैन्स लैंड थी, लेकिन जहाज का मलबा न मिलना भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है, फिर भी जहाज की तलाश जारी है और जारी रहेगी।