57 दिन रात को दुर्लभ नजारा दिखेगा! आसमान में चमकेंगे 2 चांद, जानें कब से और कैसे देख पाएंगे?
Mini Moon Will Visible Near Earth: अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यमयी और दुर्लभ चीजों से भरी है। आए दिन अंतरिक्ष में अजीबोगरीब घटनाएं होती रहती हैं और आसमान में दुर्लभ और हैरान करने वाले नजारें दिखते रहते हैं। ऐसी ही एक और दुर्लभ घटना होने जा रही है। 50 से ज्यादा दिन रोज रात को आसमान में वो नजारा दिखेगा, जिसे देखकर आंखें खुली रह जाएंगी। जी हां, दुनिया को एक और चांद मिलने वाला है। 2 महीने यह चांद नजर आएगा और धरती परिक्रमा करेगा। इसके बाद वह सूर्य की कक्षा में पहुंच जाएगा। इस घटनाक्रम के होने की पुष्टि अमेरिका की एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ने की है।
Newly-discovered #asteroid 2024 PT5 is about to undergo a "mini-moon event" when its geocentric energy becomes negative from September 29 - November 25.https://t.co/sAo1qSRu3J pic.twitter.com/pVYAmSbkCF
— Tony Dunn (@tony873004) September 10, 2024
मिनी मून वास्तव में एक एस्ट्रॉयड होगा
अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरा चांद कुछ और नहीं बल्कि 2024 PT5 नाम एस्ट्रॉयड होगा, जो धरती तक आते-आते चांद का रूप ले लेगा। इसकी खोज 7 अगस्त को एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) ने की थी। स्पेन के यूनिवर्सिडैड कॉम्प्लूटेंस डी मैड्रिड के रिसर्चर कार्लोस और राउल डे ला फूएंते मार्कोस ने अपने शोधपत्र में इसका खुलासा किया था। उन्होंने खुलासा किया था कि यही एस्ट्रॉयड धरती के गुरुत्वाकर्षण में आकर एक प्रकार का चांद बन जाएगा और धरती की परिक्रमा करेगा। इसे मिनी मून कहेंगे और यह सबसे दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। इस एस्ट्रॉयड का साइज 10 मीटर है। वहीं इस एस्ट्रॉयड के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अर्थ ग्रैविटी के बारे में कई जानकारियां मिलेंगी।
इस तरीके से नजर आएगा मिनी मून
खगोलशास्त्री टोनी डन कहते हैं कि 2 महीने धरती की ग्रैविटी में रहने के बाद एस्ट्रॉयड सूर्य की कक्षा में चला जाएगा। इसके बाद 9 जनवरी 2025 को यह एस्ट्रॉयड सूर्य की कक्षा से निकलकर अंतरिक्ष में गुम हो जाएगा। फिर साल 2055 यह दोबारा नजर आएगा। अब से पहले साल 2006 में भी एक मिनी मून धरती की परिक्रमा करता नजर आया था और करीब एक साल तक वह धरती की ग्रैविटी में रहा। वहीं नए मिनी मून को प्रत्यक्ष रूप से आंखों से नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इसका साइज बहुत छोटा है। इसके नॉर्मल दूरबीन से देखना भी संभव नहीं होगा। एडवांस ऑब्जरवेटरी से इसे आसानी से देखा जा सकेगा।