सितंबर में आसमान में दुर्लभ घटना होगी! अतंरिक्ष से धरती तक मचेगी उथल-पुथल, जानें कहां-कैसे देख पाएंगे?
Nova Explosion 2024 Latest Update: अंतरिक्ष की दुनिया में सितंबर महीने में दुर्लभ खगोलीय घटना होगी। आसमान में भीषण विस्फोट होगा, जिससे कई नई चीजें अस्तित्व में आएंगी। एक नया तारा भी अस्तित्व में आएगा। यह विस्फोट एक तारे में होगा, जिसे नोवा विस्फोट कहते हैं। यह घटना 80 साल में एक बार होती है। पिछली बार यह विस्फोट 1946 में हुआ था। उस समय एक तारा टी कोरोना बोरेलिस अस्तित्व में आया था। सितंबर महीने में इसी तारे में विस्फोट होगा और एक नया तारा आसमान में चमकता नजर आएगा। सितंबर महीने में टी कोरोना बोरेलिस सामान्य से 1500 गुना ज्यादा चमकीला दिखाई देगा। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने नोवा विस्फोट के लेकर अलर्ट किया है और अब दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की नजर इस नोवा विस्फोट पर टिकी है, क्योंकि इस विस्फोट से अंतरिक्ष से लेकर धरती तक उथल पुथल मचेगी।
I’m still keeping a close eye on Corona Borealis for the anticipated T CrB nova explosion. It may not have happened yet, but I’m often treated to other fun things while I wait.#CoronaBorealis #TCrB #BlazeStar #Nova #Meteor #NightVision #Astrophotography pic.twitter.com/c4SE7a0VQR
— Aggie Astronomer (@AggieAstronomer) August 17, 2024
एक महीना चमकता रहेगा नया तारा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंडर में नोवा विस्फोट की एक्सपर्ट डॉ. रेबेका हाउंसेल कहती हैं कि 4 जुलाई 1054 को हुए नोवा विस्फोट को लोगों ने सीधे आंखों से देखा था। उस समय जो तारा अस्तिव में आया, उसे प्राचीन चीनी खगोलविदों द्वारा टी कोरोना बोरेलिस नाम दिया गया। यह सबसे पुराना तारा है, जो अब पहले से ज्यादा चमकदार दिखने लगा है और इसी तारे में नोवा विस्फोट होगा। वहीं इस बार फिर लोग नोवा विस्फोट को आंखों से देख पाएंगे। वहीं इसे देखने के लिए किसी दूरबीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। धरती और आसमान के बीच लाखों मील की दूरी है, बावजूद इसके लोग नोवा विस्फोट को देख पाएंगे। हालांकि टी कोरोना बोरेलिस तारा सीधे आंखों से नहीं दिख रहा है, लेकिन विस्फोट के बाद बनने वाले तारे को भारत में भी देखा जा सकेगा। करीब एक महीने तक शाम 7 से 8 बजे के बीच लोग नए तारे को देख पाएंगे।
विस्फोट हुआ तो बौना तारा जन्म लेगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. रेबेका हाउंसेल बताती हैं कि टी कोरोना बोरेलिस पृथ्वी से 2630 प्रकाश वर्ष दूर है, इसलिए पृथ्वी तक की दूरी तय करने में इसके प्रकाश को 2630 वर्ष लगते हैं। सितंबर 2024 में जो नोवा विस्फोट होगा, वह 2000 साल से भी पहले हुआ था, लेकिन उसका प्रकाश इस साल के आखिर तक धरती तक पहुंचेगा। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, जब किसी स्थिर तारे में विस्फोट होता हो तो उसकी मौत हो जाती है। उस प्रक्रिया को सुपरनोवा विस्फोट कहते हैं। वहीं जब किसी मर चुके तारे में अचानक विस्फोट होता है तो उसे नोवा विस्फोट कहते हैं। टी कोरोना बोरेलिस ऐसा ही एक तारा है, जो अब दिखाई नहीं देता। यह तारा मर चुका है, इसलिए लोग इसे देख नहीं पाते, लेकिन अंतरिक्ष में यह तारा फिर चमकने लगा और इसी तारे में नोवा विस्फोट हो सकता है। इसके बाद जो नया तारा अस्तित्व में आएगा, उसे बौना तारा कहा जाएगा।