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South Korea: 4 मीटर चौड़ी गली में 1 लाख लोग थे मौजूद, 10 प्वाइंट में जानें दक्षिण कोरिया में कैसे मची भगदड़

09:15 AM Oct 30, 2022 IST | Om Pratap
south korea  4 मीटर चौड़ी गली में 1 लाख लोग थे मौजूद  10 प्वाइंट में जानें दक्षिण कोरिया में कैसे मची भगदड़
सियोल हैमिल्टन होटल के पास हुई भगदड़

South Korea: दक्षिण कोरिया में हैलोवीन भगदड़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 151 हो गई है। घटनास्थल की भयानक तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां स्थिति कैसी रही होगी। मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 20 साल के आसपास थी। मृतकों में कुछ अन्य देशों के लोग भी शामिल हैं। घटना को लेकर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। अब सवाल आता है कि आखिर भगदड़ कैसे मची जिससे 150 लोग काल के गाल में समा गए। इस पूरी घटना को 10 प्वाइंट के जरिए समझने की कोशिश करते हैं।

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1. हैमिल्टन होटल के पास इटावन में एक संकरी गली थी जहां सैकड़ों लोग हैलोवीन सेलिब्रेशन के लिए पहुंचे थे। कोरोना प्रतिबंध हटने के कारण तीन साल बाद पहली बार इतना बड़ा आयोजन किया गया था।

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2. दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक, रात करीब 10. (Klonopin) 22 बजे पहली इमरजेंसी की सूचना मिली थी।

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3. गली में 100,000 से अधिक लोग थे और कथित तौर पर एक भारी भीड़ होटल और इटावा मेट्रो स्टेशन से बाहर आ रही थी।

4. कोरियाई मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया कि भीड़ तब और बढ़ गई जब गली के आसपास के एक शोरूम में कोई ‘सेलिब्रिटी’ दिखा।

5. रिपोर्टों में कहा गया है कि जिस गली में भगदड़ हुई, वह चार मीटर चौड़ी है, इतनी बड़ी नहीं है कि एक सिडान कार भी ठीक से फिट हो सके।

6. भगदड़ के बाद गली में मौजूद भीड़ धक्का-मुक्की करने लगी और लोग बचने के लिए एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।

7. भगदड़ के बाद लोगों में घुटन और कार्डियक अरेस्ट के लक्षण दिखने लगे। सीसीटीवी फुटेज में कई लोगों को सीपीआर देते देखा गया।

8. भीड़ के बीच से गुजरते हुए एम्बुलेंस को पीड़ित तक पहुंचने में मुश्किल हुई। घटनास्थल पर खड़ी कारों के ऊपर पुलिस खड़ी हुई और लोगों से कहा कि वे क्षेत्र छोड़ दें और एम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाएं।

9. इस दौरान कुछ लोगों को भनक भी नहीं थी कि आखिर हुआ क्या है, वे रेस्क्यू ऑपरेशन से अंजान थे जिससे लोगों को बचाने में दिक्कतें आईं।

10. एम्बुलेंस के घटनास्थल पर समय पर नहीं पहुंचने के कारण मौतों की संख्या में इजाफा हुआ। हालांकि घटनास्थल पर मौजूद आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियनों ने पीड़ितों को सीपीआर देना शुरू कर दिया था।

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