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10000 फीट ऊंचाई, 300 मील की रफ्तार; जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग कराई, रेस्क्यू के दौरान अग्निकांड में जिंदा जले 118 पैसेंजर

Plane Crash History of the Day: आज के दिन 52 साल पहले खराब मौसम के कारण जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग कराई, रेस्क्यू के दौरान आग लगने से 118 पैसेंजर जिंदा जलकर राख हो गए। आइए जानते हैं कि हादसा आखिर कैसे-कब और क्यों हुआ?
07:10 AM Jun 18, 2024 IST | Khushbu Goyal
10000 फीट ऊंचाई  300 मील की रफ्तार  जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग कराई  रेस्क्यू के दौरान अग्निकांड में जिंदा जले 118 पैसेंजर
British European Airways Flight 548 Crash

British European Airways Flight 548 Crash: टेकऑफ होते ही प्लेन 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, लेकिन अचानक तेज बारिश होने लगी। को-पायलट ने वापस एयरपोर्ट जाने के लिए कैप्टन से कहा तो दोनों की बहस हो गई। इस बीच कैप्टन का जहाज से कंट्रोल छूट गया। गलत बटन दबने से ऑटोपायलट का एयरस्पीड लॉक लग गया। काफी कोशिशों के बाद भी अनलॉकिंग नहीं हुई तो पायलट ने जहाज को इमरजेंसी मोड पर डाल दिया।

बड़ी मुश्किल से जहाज को एयरपोर्ट पर लाकर हाई-टेंशन ओवरहेड वाली बिजली की लाइनों से बचाकर लैंड कराया। जहाज ऊंचे पेड़ों से टकराते हुए जमीन पर जाकर रुका। हालांकि टक्कर के समय प्लेन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जब प्लेन की बॉडी काटकर पैसेंजरों को निकाला गया तो काटने वाले इलेक्ट्रिक उपकरण की चिंगारी से जहाज में आग लग गई, जिससे सभी 118 पैसेंजर जिंदा जलकर मारे गए।

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कैप्टन को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज की तारीख में 52 साल पहले 18 जून 1972 को हुआ था। ब्रिटिश यूरोपियन एयरवेज की फ्लाइट 548 ने लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से ब्रुसेल्स के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही समय प्लेन इंग्लैंड के स्टेन्स के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 118 लोग मारे गए। इस हादसे को स्टेन्स एयर डिजास्टर के नाम से जाना जाता है। प्लेन को उड़ान भरने के बाद ही रुकावट का सामना करना पड़ा।

लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग के समय जहाज भीड़ भरे बाजार की बजाय खाली जमीन पर गिर गया। जांच में पता चला कि कैप्टन प्लेन की स्पीड को कंट्रोल नहीं कर पाए और टेक्निकल फॉल्ट भी सही ढंग से कॉन्फिगर करने में विफल रहे। हालांकि कैप्टन ने अपने दिल-दिमाग की स्थिति और सह-पायलट के कम अनुभव का हवाला दिया, लेकिन हादसे के लिए सीधे तौर पर उन्हें जिम्मेदार ठराया गया। वहीं उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई।

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मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में मरने वालों 29 अमेरिकी, 29 बेल्जियम के, 28 ब्रिटिश, 12 आयरिश, 4 दक्षिण अफ्रीकी और 3 कनाडाई पैसेंजर थे। इसके अलावा फ्रेंच वेस्ट अफ्रीका, भारत, जमैका, लैटिन अमेरिका, नाइजीरिया और थाईलैंड से भी एक-एक यात्री था। मृतकों में 25 से 30 महिलाएं और कई बच्चे शामिल थे। चालक दल में कैप्टन स्टेनली, सेकेंड ऑफिसर जेरेमी कीघली और सेकेंड ऑफिसर साइमन टाइसहर्स्ट शामिल थे। कैप्टन की उम्र 51 वर्ष थी और उन्हें 15000 उड़ान घंटों का अनुभव था, जिसमें ट्राइडेंट्स पर 4000 घंटे का अनुभव शामिल थे।

कीघली की आयु 22 वर्ष थी और उन्होंने डेढ़ महीने पहले ही लाइन फ्लाइंग जॉइन की थी। टाइसहर्स्ट की उम्र 24 वर्ष थी और उनके पास 1400 घंटे से अधिक का अनुभव था, जिसमें ट्राइडेंट्स पर 750 घंटे का अनुभव शामिल थे। केबिन क्रू में सीनियर स्टीवर्ड फ्रेडरिक फेरे, स्टीवर्ड एलन लैम्ब और स्टीवर्डेस जेनिफर मोवाट (19 वर्ष की उम्र की सबसे कम उम्र की क्रू सदस्य) शामिल थीं। खराब मौसम में हादसा होने के डर से पायलट और क्रू मेंबर्स में बहस हो गई थी, जिस कारण प्लेन की लैंडिंग में समस्या आई।

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