पेजर ब्लास्ट में आया इस CEO का नाम, दुनिया पता कर रही कंपनी का काम? जानें कौन है क्रिस्टियाना
Who is Cristiana Barsony-Arcidiacono: लेबनान में पेजर धमाके के बाद जांच एजेंसियों को जिन लोगों की तलाश है। उनमें क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो का नाम भी है। क्रिस्टियाना उस बीएसी कंसल्टिंग फर्म की सीईओ हैं, जिस पर हिजबुल्लाह के लड़ाकों को पेजर्स सप्लाई करने का आरोप है। इन्हीं पेजर्स में 17 सितंबर को लेबनान में धमाके हुए थे, जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 2800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 49 वर्षीय क्रिस्टियाना हंगरी और इटैलियन मूल की हैं और हंगरी के बुडापेस्ट स्थित बीएसी कंसल्टिंग फर्म की सीईओ के पद पर थीं, लेकिन लेबनान में धमाके के बाद से उन्हें पब्लिकली नहीं देखा गया है।
क्रिस्टियाना ने लेबनान पेजर्स धमाके में सीधी भागीदारी से इनकार किया है। हालांकि लेबनान में ब्लास्ट हुए पेजर्स को ताइवान की निर्माता कंपनी गोल्ड अपोलो से लाइसेंस प्राप्त था। ऐसे में क्रिस्टियाना और बीएसी कंसल्टिंग फर्म की भूमिका को लेकर संदेह है।
क्रिस्टियाना सात भाषाओं की जानकार है। और पार्टिकल फिजिक्स में उनके पास पीएचडी डिग्री है। एनबीसी न्यूज के साथ एक संक्षिप्त इंटरव्यू में क्रिस्टियाना ने कहा कि मैं सिर्फ एक मध्यस्थ हूं। आपको कोई गलतफहमी हो गई है। इसके बाद से क्रिस्टियाना को पब्लिकली नहीं देखा गया है। बुडापेस्ट स्थित उनके घर के दरवाजे बंद हैं।
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'क्रिस्टियाना को हायर करना सबसे बड़ी गलती'
क्रिस्टियाना को जानने वाले उन्हें इंटेलिजेंट बताते हैं, लेकिन करियर के मामले में अस्थिर करार देते हैं। बारसोनी ने अपने करियर में अफ्रीका, यूरोप और मिडिल ईस्ट के देशों में शॉर्ट टर्म जॉब्स की हैं। ये सरकारी नौकरियां मानवतावादी कार्यों से जुड़ी रही हैं। यूनाइटेड नेशंस के पूर्व प्रशासक किलियन क्लेनश्मिट ने क्रिस्टियाना को ट्यूनिशिया में एक डच प्रोजेक्ट के लिए हायर किया था। किलियन ने क्रिस्टियाना को बुलिंग मैनेजर बताया और कहा कि ट्यूनिशिया के प्रोजेक्ट में उनका कॉन्ट्रैक्ट समय से पहले खत्म कर दिया गया। किलियन ने क्रिस्टियाना को नौकरी देने के अपने फैसले को जीवन की सबसे बड़ी गलती करार दिया।
क्रिस्टियाना ने अपने रेज्यूमे में दावा किया है कि उसने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी आईएईए में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया है। वहीं न्यूयॉर्क अर्थ चाइल्ड इंस्टीट्यूट की बोर्ड मेंबर होने का दावा किया है। इन दावों पर IAEA ने कहा है कि क्रिस्टियाना ने संस्थान में बतौर इंटर्न काम किया है। वहीं अर्थ चाइल्ड इंस्टीट्यूट ने कहा कि क्रिस्टियाना की संस्थान में कोई औपचारिक भूमिका नहीं थी।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से पीएचडी करने के बाद भी क्रिस्टियाना का करियर साइंस के सेक्टर में नहीं रहा। बीएसी कंसल्टिंग फर्म की वेबसाइट ने क्रिस्टियाना का सीवी नहीं हटाया है। लेकिन ये अब भी क्लियर नहीं हो पाया है कि हंगरी में क्रिस्टियाना की कंपनी का असली बिजनेस क्या था।