हर विवाहिता को लेनी चाहिए Shilpa Shetty की Sukhee से यह सीख, OTT पर है उपलब्ध
इशिका जैन, नई दिल्ली
Sukhee Film Review: महिलाएं अक्सर शादी के बाद अपनी घर गृहस्थी में उलझ कर रह जाती हैं। कब ससुराल वालों के प्रति महिला की जिम्मेदारी उसके सपनों पर बेड़ियां बन जाती हैं पता ही नहीं चलता। अपनों का ख्याल रखते-रखते अक्सर औरतें अपना ध्यान रखना ही भूल जाती हैं। आपने भी अपने आस-पास ऐसी कईं गृहणियों को देखा होगा, चाहे फिर वो आपकी मम्मी हो या पड़ोस की आंटी। ऐसा ही कुछ हमें शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) की फिल्म 'सुखी' (Sukhee) में भी दिखाई दिया जो आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं। इस फिल्म की कहानी एक ऐसी औरत के इर्द-गिर्द घूमती है जो पढ़ाई में होशियार और अंदाज में मस्त मौला है। एक बार जो कोई उससे मिल ले तो जिंदगी भर के लिए उसका फैन हो जाए।
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'सुखी' से लेनी होगी ये सीख
लेकिन यही 'सुखी' अपने परिवार में कहीं गुम हो गई है। न तो पति को उसकी कदर है और न ही बेटी को मां की कोई परवाह और इज्जत। फिर भी वो लगी है सभी का ख्याल रखने में और अपने लिए थोड़ा सा प्यार पाने की कोशिश में। ऐसे में ये फिल्म आपको क्या सीख देती है ये जानना हर विवाहिता के लिए बेहद जरूरी है। सबसे पहले तो इन मुश्किल हालातों में उसका कोई सपोर्ट सिस्टम होना बेहद जरूरी है। जैसे सुखी को फिल्म में उसके दादा ससुर ने हिम्मत दी है और अपनी जिंदगी जीने का हौसला दिया है, उसके पास ऐसा कोई एक शख्स होना चाहिए।
कभी न सहे पति की बदतमीजी
इसके अलावा सबसे जरूरी- किसी भी विवाहिता को अपनी पहचान नहीं भुलानी चाहिए। वो क्या है और क्या कर सकती है शादी होने के बाद उसे अपने आपको बदलना नहीं चाहिए। साथ ही किसी भी औरत को पति के पांव की जूती बनकर नहीं रहना चाहिए। अगर पति बदतमीजी करता है तो उसे तुरंत उसकी सीमा बता देनी चाहिए। अगर पति इग्नोर करता है तो उसे एहसास दिलाना जरूरी है कि पत्नी अगर ऐसा ही बर्ताव करे तो रिश्ता बिखर सकता है। सबसे जरूरी चीज आपको अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है।
दोस्तों का साथ है जरूरी
सिर्फ परिवार और जिम्मेदारियों के बीच ही उलझकर रह जाना जिंदगी कठिन कर सकता है। इसके अलावा अपने करियर पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। सिर्फ प्यार और शादी से लाइफ हसीन नहीं होती। अगर आपका करियर अच्छा होगा तो न सिर्फ सोसाइटी बल्कि आपके पति और बच्चे भी आपके साथ इज्जत से पेश आएंगे। आखिर में दोस्तों के साथ एक महिला को हमेशा टच में रहना चाहिए क्योंकि दोस्ती ही उसके अंदर का बचपना जिंदा रखती है।