होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

PCOS से 70% महिलाएं परेशान! Regular Periods के बाद भी हैं कई शिकार- WHO

PCOS with Regular Periods: हर महीने पीरिड्स हो रहे हैं तो क्या पीसीओएस हो सकता है? आइए इसका जवाब WHO और कुछ स्टडी के माध्यम से जानते हैं।
11:51 AM Aug 31, 2024 IST | Simran Singh
नियमित मासिक धर्म के साथ पीसीओएस
Advertisement

PCOS with Regular Periods Symptoms: पीरियड्स को मेंसुरेशन, मासिक धर्म या महीना आदि नामों से लोगों के बीच जाना जाता है। महिलाओं के शरीर में पीरियड्स होने के बाद कई बदलाव भी होते हैं। महिलाओं के शरीर के हार्मोन्स में से एक पीरियड्स है जिसे गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) से जोड़ा जाता है। लाइफस्टाइल में बदलाव होने के कारण उम्र से पहले या कहें कि 8 से 9 साल की किशोरी के मासिक धर्म शुरू हो जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी लड़कियां हैं जिनके पीरियड्स 18 साल के बाद शुरू होते हैं।

Advertisement

आमतौर पर महीने में लगातार 3 दिन या 7 दिन पीरियड्स होते हैं। कुछ ऐसी भी हैं जिन्हें हर महीने पीरियड्स नहीं होते या अगर होते हैं तो बस एक या दो दिन के लिए। इर्रेगुलर पीरियड्स होना मेडिकल टर्म में पीसीओएस या पीसीओडी होता है। जबकि, और भी लक्षण हैं जो पीसीओएस या पीसीओडी होने की ओर इशारा करते हैं।

कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो हर महीने पीरियड्स होने पर भी पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। सिर्फ वजन का बढ़ना नहीं, कुछ में वजन का कम होना भी पीसीओएस के लक्षणों में से एक हैं।

PCOS क्या है?

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) हार्मोन से जुड़ी एक समस्या है। पीसीओएस होने पर मासिक धर्म नहीं आते हैं या हो सकता है कि कई दिनों तक लगातार भी पीरियड्स हो सकते हैं। कुछ ऐसे भी मामले हैं जिन्हें पीसीओएस होने पर भी सामान्य रूप से हर महीने पीरियड्स होते हैं। पीसीओएस की समस्या प्रजनन वर्षों के दौरान होती है। महिला के अंडाशय असामान्य मात्रा में एण्ड्रोजन का उत्पादन करते हैं। ऐसे में एंड्रोजन नामक हार्मोन की मात्रा भी अधिक हो सकती है।

Advertisement

ये भी पढ़ें- Periods Pain से राहत पाने के लिए न करें ये गलती, वरना...

PCOS से 70% महिलाएं परेशान!

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो दुनिया भर में रिप्रोडक्टिव फेज में करीब 8 से 13 फीसदी महिलाएं पीसीओएस से प्रभावित हैं। 70% तक प्रभावित महिलाओं हैं जिनका निदान नहीं हो पाता है। एनोव्यूलेशन को पीसीओएस का सबसे आम कारण कहा जाता है। जबकि, प्रमुख कारणों में से एक बांझपन है। आइए पीसीओएस के लक्षण और इलाज के बारे में जानते हैं।

क्या Regular Periods के साथ PCOS हो सकता है?

जरूरी नहीं है कि इर्रेगुलर पीरियड्स से पीड़ित महिलाओं को ही पीसीओएस हो। फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के दौरान करीब 74 प्रतिशत महिलाएं रहीं जिनमें एण्ड्रोजन की मात्रा अधिक थी लेकिन उन्हें पीसीओएस था जिसका निदान किया गया था। इसके अलावा एक अध्ययन, जो ह्यूमन रिप्रोडक्शन जर्नल में प्रकाशित है उसमें भी पाया गया कि 30 साल और उससे ज्यादा उम्र के प्रतियोगी जिन्हें पीसीओएस था, उनमें उम्र बढ़ने के साथ रेगुलर पीरियड साइकिल शुरू हो गई थी।

PCOS के लक्षण

  1. पीरियड्स से संबंधित परेशानी
  2. बांझपन
  3. चेहरे पर मुंहासे होना
  4. ऑयली स्किन का होना
  5. चेहरे या शरीर पर ज्यादा बाल होना
  6. बालों का झड़ना
  7. वजन बढ़ना
  8. पेट के आसपास की चर्बी बढ़ना

ये भी पढ़ें- Intermittent Fasting और Delay Periods का क्या सही में है संबंध? 

PCOS का इलाज

पीसीओएस का कोई इलाज नहीं है। इसके लिए कोई खास दवा भी नहीं है। आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा। इसका इलाज एक अच्छी डाइट, एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन, नियमित रूप में खाना और नियमित रूप में सोना-उठाना है। डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे- दूध, दही, पनीर आदि का सेवन कम करना भी शामिल है। अच्छा खाकर और नींद पूरी करने के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी करके आप कुछ ही महीनों में पीसीओएस या पीसीओडी जैसी समस्या से राहत पा सकते हैं।

नोट- ये जानकारी आपको सिर्फ सतर्क करने के लिए है। इसे तमाम जगह से हासिल करने के बाद आप तक साझा किया गया है। इस पर अमल करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क करें। News 24 की ओर से पुष्टि नहीं की जा रही है।

अन्य हेल्थ की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Open in App
Advertisement
Tags :
health newslifestyle newsPCOSPeriodsWomen Health Tips
Advertisement
Advertisement