राजस्थान क्रिकेट: जिसकी सरकार उसी की RCA में सल्तनत
Rajasthan Cricket News (केजे श्रीवत्सन) : जिस पार्टी की सरकार राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन यानी RCA में उसी की सल्तनत... राजस्थान में बीजेपी की भजनलाल सरकार बनते ही RCA को धनंजय सिंह के रूप में उसका नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल गया है। धनंजय सिंह सूबे के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे हैं और इस वक्त नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी है और साल 2026 तक के लिए उन्हें जिला अध्यक्ष चुना गया था।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के 26 फरवरी को अचानक इस्तीफे दिए जाने के कारण यह बदलाव हुआ था। कहा जा रहा है कि सत्ता बदलने के साथ ही वैभव गहलोत के विरोध में कई जिला संघ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थे। गत 22 फरवरी को सवाई मानसिंह स्टेडियम को लेकर आरसीए और स्पोर्ट्स काउंसिल के बीच एमओयू खत्म हो गया था। इसके बाद 23 फरवरी को स्पोर्ट्स काउंसिल ने बकाया नहीं दिए जाने की बात करते हुए सवाई मानसिंह स्टेडियम को आरसीए से अपने कब्जे में ले लिया। यहां तक की आरसीए कार्यालय को सील कर दिया गया।
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अविश्वास प्रस्ताव से पहले वैभव गहलोत ने दिया इस्तीफा
इसी बीच खबर आई कि प्रदेश के 33 जिला क्रिकेट संघों ने आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। जैसे ही इसकी भनक वैभव गहलोत को लगी तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वैसे, बतौर अध्यक्ष वैभव गहलोत ने अपने मुख्यमंत्री पिता अशोक गहलोत की सरकार का फायदा उठाते हुए न केवल जयपुर में फिर से आईपीएल के मैच शुरू करवाए, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय मैचों का भी आयोजन BCCI से लेकर आए। साथ ही अब तक आरसीए के पास अपना क्रिकेट स्टेडियम नहीं था तो कांग्रेस सरकार के सहयोग से चौप में उन्होंने एक भव्य अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया।
धनंजय सिंह बने आरसीए के नए कार्यकारी अध्यक्ष
राजस्थान के 33 जिला क्रिकेट संघों में से 22 जिला क्रिकेट संघों के सचिव RCA की केएल सैनी स्टेडियम में शनिवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे। जिन्होंने सर्वसम्मति से धनंजय सिंह को अपना नया कार्यकारी अध्यक्ष चुना। चूंकि स्थायी अध्यक्ष के लिए नियमानुसार 21 दिन का नोटिस देकर प्रक्रिया शुरू करनी होती है। ऐसे में आईपीएल की जयपुर में होने वाले मैचों की तारीख आने के चलते इसके लिए पूरा वक्त नहीं मिल पाता, यही कारण था कि वैभव के इस्तीफे के बाद हुई कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष के चुनने की प्रक्रिया संपन्न हुई। कहा जा रहा है कि आरसीए को नया कार्यकारी अध्यक्ष मिलने के बाद अब पुरानी कार्यकारिणी भंग नहीं होगी और जब चुनाव होंगे तब नए सिरे से पदाधिकारी फिर से चुने जाएंगे।
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क्रिकेटर भी रह चुके हैं धनंजय सिंह
दरअसल, RCA अध्यक्ष पद की रेस में धनंजय सिंह के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह भी थे, लेकिन पार्टी और सरकार के स्तर पर सहमति के बाद पराक्रम सिंह इस रेस से अलग होते दिखे। खुद भी क्रिकेटर रह चुके धनंजय सिंह मारवाड़ इलाके में बीजेपी के नेता हैं। चाहे वसुंधरा सरकार की बात हो या अब भजन लाल शर्मा सरकार की, उनके पिता गजेंद्र सिंह खींवसर के चुनाव प्रचार से लेकर निर्वाचन क्षेत्र के विकास और प्रचार तक का सभी काम वे देखते आए हैं।
परिवारवाद से भाजपा भी नहीं है दूर
वहीं, आलोचकों का यह भी कहना है कि भले ही बीजेपी परिवारवाद से दूर रहने की बात कह रही हो लेकिन कई सीनियर जिला अध्यक्षों को दरकिनार करके अचानक से धनंजय सिंह का नाम सामने आना और अब उनके और बीजेपी द्वारा आने वाले दिनों में पार्टी के वफादारों को संघ में आगे लाने की कवायद भी शुरू होगी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता और भाजपा के राजेंद्र राठौड़ के बेटे पराक्रम राठौड़ को करीब दो महीने पहले चूरू जिला क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था तब से इसके संकेत भी मिलने शुरू हो गए थे।
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क्या आरसीए की स्थिति में सुधार कर पाएंगे धनंजय सिंह
फिलहाल, RCA के नए कार्यकारी अध्यक्ष धनंजय सिंह के सामने जयपुर में आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय मैचों के सफल आयोजन के बड़े दावों को पूरा करने की जिम्मेदारी है। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी RCA की स्थिति में सुधार ला पाएगी या फिर आगे भी आरसीए राजनीतिक सत्ता के खेल में मोहरा ही बना रहेगा।