यौन उत्पीड़न मामले में ओला को देना होगा 5 लाख का मुआवजा, ड्राइवर ने महिला से कैब में किया था दुष्कर्म
Karnataka High Court Story: कर्नाटक हाईकोर्ट ने महिला से यौन उत्पीड़न के एक मामले में ओला कंपनी काे 5 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को ओला की पैरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलाॅजीज को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। यह मुआवजा कंपनी उस महिला को देगी जिसके साथ उसके कैब ड्राइवर ने दुष्कर्म किया था।
90 दिनों में मांगी जांच रिपोर्ट
इतना ही नहीं कोर्ट ने ओला की आंतरिक शिकायत समिति को कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के अनुसार जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। जांच 90 दिनों में पूरी कर इसकी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को भेजने का निर्देश भी दिया गया है। इसके अलावा एएनआई टेक्नोलाॅजीज को याचिकाकर्ता के मुकदमे पर खर्च को लेकर 50 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के मामले से जुड़े सभी पक्षों को पोश अधिनियम की धारा 16 का पालन करना चाहिए। ताकि सभी लोगों की पहचान गोपनीय रखी जा सके। बता दें कि कोर्ट ने 20 अगस्त को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
यह है पूरा मामला
बता दें कि मामले में महिला ने आरोप लगाया था कि अगस्त 2018 में ड्राइवर ने उसका यौन उत्पीड़न किया था और ओला ने उसकी शिकायत के बाद भी उचित कार्रवाई करने में विफल रही थी। कैब में सफर के दौरान ड्राइवर उसे रियर-व्यू मिरर से घूरता रहा इतना ही फोन पर पोर्न वीडियो भी चला रहा था। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि ड्राइवर हस्तमैथुन कर रहा था, उसने गंतव्य से पहले कैब रोकने से इनकार कर दिया था।
कंपनी ने नहीं की कार्रवाई
महिला की शुरुआती शिकायत के बाद ओला ने उसे बताया कि ड्राइवर को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इतना ही नहीं उसे काउंसलिंग के लिए भेजा जाएगा। हालांकि कंपनी ने इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद महिला ने पुलिस को औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई।
ये भी पढ़ेंः नवरात्रि से पहले सिलेंडर महंगा! आज एक अक्टूबर से 50 रुपये बढ़े LPG के दाम, जान लें नए रेट